तुम बहुत लकी हो।।

Vinit Saddyan
2 min readJul 31, 2021

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तुम बहुत लकी हो।।
औरों को देखो, उन्हें कहाँ इतनी आज़ादी है,
देखो तुम्हे तो स्कूल ट्रिप पर भी जाने दिया है,
जीन्स भी पहनने दी तुम्हे तो,
तुम सच में बहुत लकी हो

औरों को देखो उन्हें कितना ही पढ़ने को मिलता है,
तुम्हे तो प्राइवेट स्कूल भी भेजा, इंजीनियरिंग भी करवा दी तुमसे तो
तुम सच में बहुत लकी हो

औरो को देखो, कहाँ ही घूम पातीं हैं,
तुम्हे तो मैं बाज़ार भी ले जाता हूँ ,
और अब तो तुम खुद भी पास वाली दुकान पर चली जाती हो
पिछले साल तो शिमला भी गए थे हम,
तुम सच में बहुत लकी हो

औरो को देखो, सब काम परिवार के हिसाब से करना पड़ता है,
तुम तो सब काम अपने हिसाब से करती हो,
और देखो, अब तो हमने नौकरानी भी रख ली,
तुम सच में बहुत लकी हो

औरो को देखो, गाडी , ऐ.सी. सब लाना पड़ता है,
तुमसे तो हमने दहेज़ भी नहीं लिया,
औरो को देखो, परदे/बुर्के में रहना पड़ता है,
तुम तो आज़ादी से खुले मुँह रहती हो,
तुम सच में बहुत लकी हो,

औरो को देखो, कितना ही बोल पाती हैं पारिवारिक मसलों पर,
तुमसे तो हम विचार विमर्श भी करते हैं,
और अब तो हमने तुम्हे, नौकरी भी करने दे दी है,
तुम सच में बहुत लकी हो |

परिशिष्ट भाग: 
एक ऐसा समाज, जिसमे नाबालिग लड़की की उसी के बलात्कारी से शादी करवा दी जाए,
जहाँ गृहणी अपना पूरा जीवन परिवार की सेवा में निकाल कर , सुने, कि तुमने किया ही क्या है ?
जहाँ लड़की आठवीं के बाद स्कूल छोड़ दे क्यूंकि अनपढ़ चाचा को लगता है बहुत पढाई हो गयी ,
एक ऐसा समाज , जहाँ ना बलात्कार रुके , ना छेड़छाड़ रुकी, ना दहेज उत्पीड़न,
ना घरेलु हिंसा रुकी, ना शोषण रुका,
ऐसे समाज में , अगर बुनियादी चीज़े भी मिले, तो सबको लगता है की लड़की लकी हो गयी।

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Vinit Saddyan
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